देती हैं तन-मन को बहु पीड़ाएं, व्याधियां मूल में जिनके तनाव। देती हैं तन-मन को बहु पीड़ाएं, व्याधियां मूल में जिनके तनाव।
समस्याएं बहुत सारी, उपजाई हुई है हमारी। समस्याएं बहुत सारी, उपजाई हुई है हमारी।
सारा ही जीवन बेकार है, बिना ही प्यार के, सारा संसार भी तो बेकार है, बिना ही प्यार के सारा ही जीवन बेकार है, बिना ही प्यार के, सारा संसार भी तो बेकार है, बिना ही प...
निजी सहायक सेवक सारे, करते हैं हमारी वाह्य सुरक्षा। निज विवेक अंतर्मन अपना, आत्मशक्त निजी सहायक सेवक सारे, करते हैं हमारी वाह्य सुरक्षा। निज विवेक अंतर्मन अपना...
सुख पाता एक जन जिस साधन से, हो सकता है दूजे को न दे पाए शांति। सुख पाता एक जन जिस साधन से, हो सकता है दूजे को न दे पाए शांति।
विकासशील देशों में गांवों की संख्या तो है अधिक ही होय । विकासशील देशों में गांवों की संख्या तो है अधिक ही होय ।